ताजमहल

ताजमहल, जिसे अक्सर प्रेम का प्रतीक कहा जाता है, आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित है। सफेद संगमरमर से निर्मित यह ऐतिहासिक स्मारक मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी प्रिय पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया गया था। इसका निर्माण कार्य 1632 में आरम्भ हुआ और लगभग 22 वर्षों बाद 1653 में पूरा हुआ।

ताजमहल की स्थापत्य कला अद्भुत है, जिसमें इस्लामी, फ़ारसी, ओटोमन तुर्की और भारतीय वास्तुशिल्प शैलियों का मिश्रण देखा जा सकता है। इसके मुख्य गुंबद की ऊँचाई लगभग 73 मीटर है और इसके चारों ओर बने चार मीनारें इस अद्वितीय संरचना को संतुलन प्रदान करती हैं। यह भव्य इमारत न केवल अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती है, बल्कि इसके निर्माण में प्रयुक्त हुए जटिल कारीगरी और उत्कृष्ट शिल्पकला के कारण भी प्रसिद्ध है। संगमरमर पर की गई महीन नक्काशी और बहुरंगी पत्थरों का उपयोग इस स्मारक को और भी खूबसूरत बनाता है।

ताजमहल के चारों ओर बाग बगीचे इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। हरियाली से भरे ये उद्यान प्रतीकात्मक रूप से एक स्वर्गीय स्थान की अनुभूति कराते हैं। बंद जलकुंड और फव्वारे इसकी शोभा में और भी इज़ाफ़ा करते हैं। इसके अलावा, जब सूर्य की किरणें इस पर पड़ती हैं, तो इसके संगमरमर की दीवारें सुनहरी आभा से दमक उठती हैं।

यह संरचना न केवल भारतीय इतिहास की धरोहर है, बल्कि दुनिया के सात अजूबों में से एक मानी जाती है। इसे देखने के लिए हर साल हज़ारों पर्यटक यहाँ आते हैं। ताजमहल की विश्व धरोहर सूची में शामिल होना इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को और पुख्ता करता है।

ताजमहल के अद्वितीय अपील का श्रेय उसकी कलात्मक सुंदरता और इसके पीछे छिपी गहन प्रेम कहानी को जाता है। यह अमर प्रेम का वो उदाहरण है, जो युगों-युगों तक मानव हृदय को प्रेरित करता रहेगा। ताजमहल को देखते समय यह महसूस करना कठिन है कि यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि प्रेम के शाश्वत सार का जीवंत प्रमाण है।